गोरख पाण्डेय की कविता
यह कविता मुझे बहुत पसंद है| आप भी पढ़िए| गोरख पाण्डेय बहुत ही कम समय में दुनिया को बहुत कुछ …
गोरख पाण्डेय की कविता Read Moreयह कविता मुझे बहुत पसंद है| आप भी पढ़िए| गोरख पाण्डेय बहुत ही कम समय में दुनिया को बहुत कुछ …
गोरख पाण्डेय की कविता Read Moreकवितायेँ आपको नींद से जगाती हैं| कभी-२ ये आपके होने का एहसास कराती हैं| मै तो कहता हूँ कि कवितायेँ …
पाश की एक कविता Read Moreहुक्मरान कभी हमसे भी मिला करो, बगैर अपॉइंटमेंट, हम भी तो है तेरे फैन| तुम्हारा चमचमाता चश्मा, और घुंघराली अंग्रेजी, …
अपॉइंटमेंट Read Moreवो यही पढ़ी, आगे बढ़ी, लेकिन लगता है उसे भी अब , इस जगह से डर| डर लगता है उसे, …
हुकूमत Read Moreइस कविता को मैंने १६ मार्च २०१३ को लिखा था जब ह्यूगो चावेज इस दुनिया से चले बस थे और …
हे राम! Read Moreशांत क्षणों में, पानी के स्थिरता, शांत रहने को कहता किन्तु, दिल के अन्दर तूफान, संभालता नहीं, सब बदल गया, …
अनुभूतियाँ Read Moreमन क्यों मन को ढूंढे, ये मन ही जाने मछली क्यों तट पर आकर, फिर वापिस जाये, ये कौन बताये. …
मन Read Moreसवाल तेर भी बहुत हैं सवाल मेरे भी बहुत हैं तुम किनारे के पास हो मै बीच मझदार में हूँ तुम …
कितने सवाल? Read Moreये कविता मैंने २०१२ में लिखी थी| तुम्हे एक पताका दूंगा, जिसपर लोकतंत्र लिखा होगा, उसकी खुबशुरती के लिए एक …
लोकतंत्र का पताका Read MoreI wrote this poem on 31 December 2012 after the tragic 9 February incidence. सवाल तेर भी बहुत हैं सवाल मेरे …
सवाल? Read More