पिछले महीने मेरे एक अजीज दोस्त की म्रत्यु हो गई| वो काफी दिनों से बीमार था| उसके दोनों किडनियों ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उसने किडनी ट्रांसप्लांट भी करवाया था| लेकिन इन प्रय्तनों के बावजूद ज्यादा दिन तक वो हमारे बीच नहीं रहा| उसकी उम्र लगभग 30-35 वर्ष की रही होगी|
मै, मेरे दोस्त सब उदास थे| किसी को कुछ भी समझ नहीं आया| मै यह लगातार सोचता रहा कि आख़िर ये कैसे हो सकता है| एक होनहार खुशमिजाज इंसान इतनी जल्दी कैसे हम सब को छोड़कर जा सकता है| अभी तक सही-सही कारण पता नहीं लग पाया कि कैसे उसका किडनी ने काम करना बंद कर दिया|
भारत में आर्थिक विकास के साथ-साथ अनेक बिमारियों का भी विकास तेजी से हुआ है| मधुमेह जैसी बीमारी हमारे यहाँ तेजी से फ़ैल रही है| एक अनुमान के मुताबिक मधुमेह ग्रस्त लोगो की संख्या हमारे यहाँ चीन से भी ज्यादा है और अब यह केवल शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि ग्रामीण इलाकों भी फ़ैल चूका है| छत्तीसगढ़ जैसे राज्य अब “मधुमेह की राजधानी” के नाम से पुकारे जाने लगे हैं| मधुमेह को “सभी बिमारियों की माँ ” कहा जाता है| यह गलत खान-पान, अत्यधिक चिंता और शारीरिक काम नहीं करने से होता है| हालांकि बहुत सारे ऐसे भी केस हैं जिसमे इसका मूल कारण का पता नहीं चल पाता है|
मेरे दोस्त के करीबी मित्र बताते हैं कि पहले उसे साधारण बीमारी हुई, जिसके पीछे उसके खान-पान की बिगरी आदत थी| फिर अंग्रेजी दवाई चलने लगी और कुछ दिनों बाद डॉक्टर ने कहा कि उसकी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है| ऐसे ही मेरे एक और दोस्त के पिता के साथ भी हुआ था| उन्हें भी साधारण पाचन से सम्बंधित बिमारी हुई और आगे चलके डॉक्टर ने कहा कि किडनी ने काम करना बंद कर दिया है| उन्होंने भी किडनी ट्रांसप्लांट करवाया लेकिन ज्यादा दिन तक नहीं जी सके| उनके केस में यह कहा जाता है कि डॉक्टर के पकड़ में बीमारी नहीं आई और ज्यादा अंग्रेजी दवा खाने के कारण ऐसा हुआ|
खैर कारण जो भी हो| आज भी हमारा विज्ञान सही से यह बताने में सफल नहीं है कि फलाना बीमारी के सही और सटीक कारण क्या है और यह क्यों हुआ| ऐसा कहा जाता है कि 10 से 15 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो शरीर का सही ध्यान रखते हुए भी कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी से पीड़ित हो जाते हैं|
लेकिन मै आप सब से यह कहना चाहता हूँ कि अगर आप सड़क के बाई ओर चल रहें और पीछे से कोई मुर्ख चालक आपको धक्का मार देता है| इसमें आपकी कोई गलती नहीं है| आप सही से चल रहे थे| ठीक उसी प्रकार अगर आप अपने शरीर का सही ख्याल रख रहे हैं और आपको ऐसी किसी खतरनाक बिमारी का सामना करना पडता है| तो मै कहता हूँ कि इसमें आपकी कोई गलती नहीं है| आप सही तरीके से अपना काम तो कर रहे थे| आपको भी कभी यह पछतावा नहीं होगा और नहीं होना चाहिए कि आप गलत थे|
कहने के मतलब यह कि आप अपने शरीर का ख्याल रखे| कम से कम आप अपनी नज़र में यह दुरुस्त रखे कि आप सही से अपने शरीर का पोषण कर रहे हैं| आज के इस आधुनिक युग में खाने से लेकर हवा तक प्रदूषित है किन्तु आप स्वयं हर संभव प्रयास कर इन दूषित चीजों से बचे| जहाँ तक हो सके अपनी दादा-दादी, नाना-नानी के खाने-पीने का तौर तरीकों को याद करें, आप जरुर एक स्वस्थ जीवन जीने में कामयाब होंगे|