06 Oct अनुभूतियाँ
Posted at 09:57h
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शांत क्षणों में,
पानी के स्थिरता,
शांत रहने को कहता
किन्तु,
दिल के अन्दर तूफान,
संभालता नहीं,
सब बदल गया,
चक्रव्यूह से निकला,
निकाला गया
मन कहता,
निकाला गया,
दिल कहता,
न निकले,
न निकाले गए,
उसी जगह आज भी हो,
एहसास फिर से जागा,
वही मै शांत, स्थिर
पानी सा
लेकिन मन कही और,
मन को तलाश रहा
मन कहा हो